Corona Study: Corona is mentioned in science books, students are taught in this way
Corona Study: साइंस की बुक्स में कोरोना का है जिक्र, ऐसे पढ़ाया जाता है स्टूडेंट्स को
कई राज्यों में स्टूडेंट्स इसे जुकाम (कॉमन कोल्ड) के रूप में पढ़ रहे हैं।
अजमेर।
कोरोना के कहर से पूरी दुनिया खतरे में हैं। इसका टीका और दवा खोजने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सक प्रयास कर रहे हैं। सामान्य विज्ञान की कई पुस्तकों में कोरोना वायरस को प्रारंभिक स्तर पर पढ़ाया जा रहा है। कई राज्यों में स्टूडेंट्स इसे जुकाम (कॉमन कोल्ड) के रूप में पढ़ रहे हैं।
चीन के वुहान शहर से शुरु हुआ कोरोना वायरस दुनिया के 199 देशों को जकड़ चुका है। 13 लाख लोग इससे संक्रमित है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत सहित अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्विटजरलैंड और अन्य देशों में लॉकडाउन है। कई देशों के वैज्ञानिक और चिकित्सक इसका टीका और दवा बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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विज्ञान की किताब में कोरोना का जिक्र -
एनसीईआरटी और कई राज्यों की सामाजिक विज्ञान की किताब में कोरोना का साधारण जिक्र है। इसे जुकाम (कॉमन कोल्ड) के साथ पढ़ाया जा रहा है। पाठ में बताया गया है, कोरोना संक्रमण श्वशन मार्ग से होता है। इसका संक्रमण काल प्राय: 3 से 7 दिन का होता है। श्वसन मार्ग की म्यूकस झिल्ली में सूजन, नासाकोश में कड़ापन, नाक बहना, छींक, गले में खराश रहती है।
फैलाव कारक और दवा के नाम भी -
विज्ञान की किताबों में बताया कि गया है कोराना संक्रमित व्यक्ति के दरवाजे के हैंडल इत्यादि को छूने पर वायरस वहां चिपक जाते हैं। इन्हें छूने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकते है। रोग के उपचार के लिए एस्पिरिन, ऐन्टीहिस्टैमिन, नेजल स्प्रे फायदेमंद रहता है।
दरअसल कोराना कई वायरस का समूह है। विज्ञान की पुस्तकों में कॉमन कोल्ड के रूप में भले ही पढ़ाया जाता रहा हो लेकिन कोविड-19 सबसे खतरनाक वायरस है। इसका उपचार या दवा ढूंढना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
Corona Study: साइंस की बुक्स में कोरोना का है जिक्र, ऐसे पढ़ाया जाता है स्टूडेंट्स को
कई राज्यों में स्टूडेंट्स इसे जुकाम (कॉमन कोल्ड) के रूप में पढ़ रहे हैं।
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Corona is mentioned in science books |
अजमेर।
कोरोना के कहर से पूरी दुनिया खतरे में हैं। इसका टीका और दवा खोजने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सक प्रयास कर रहे हैं। सामान्य विज्ञान की कई पुस्तकों में कोरोना वायरस को प्रारंभिक स्तर पर पढ़ाया जा रहा है। कई राज्यों में स्टूडेंट्स इसे जुकाम (कॉमन कोल्ड) के रूप में पढ़ रहे हैं।
चीन के वुहान शहर से शुरु हुआ कोरोना वायरस दुनिया के 199 देशों को जकड़ चुका है। 13 लाख लोग इससे संक्रमित है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत सहित अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्विटजरलैंड और अन्य देशों में लॉकडाउन है। कई देशों के वैज्ञानिक और चिकित्सक इसका टीका और दवा बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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विज्ञान की किताब में कोरोना का जिक्र -
एनसीईआरटी और कई राज्यों की सामाजिक विज्ञान की किताब में कोरोना का साधारण जिक्र है। इसे जुकाम (कॉमन कोल्ड) के साथ पढ़ाया जा रहा है। पाठ में बताया गया है, कोरोना संक्रमण श्वशन मार्ग से होता है। इसका संक्रमण काल प्राय: 3 से 7 दिन का होता है। श्वसन मार्ग की म्यूकस झिल्ली में सूजन, नासाकोश में कड़ापन, नाक बहना, छींक, गले में खराश रहती है।
फैलाव कारक और दवा के नाम भी -
विज्ञान की किताबों में बताया कि गया है कोराना संक्रमित व्यक्ति के दरवाजे के हैंडल इत्यादि को छूने पर वायरस वहां चिपक जाते हैं। इन्हें छूने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकते है। रोग के उपचार के लिए एस्पिरिन, ऐन्टीहिस्टैमिन, नेजल स्प्रे फायदेमंद रहता है।
दरअसल कोराना कई वायरस का समूह है। विज्ञान की पुस्तकों में कॉमन कोल्ड के रूप में भले ही पढ़ाया जाता रहा हो लेकिन कोविड-19 सबसे खतरनाक वायरस है। इसका उपचार या दवा ढूंढना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
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