Mid-day meal will fill the stomach of the poor during lockdown
लॉकडाउन के दौरान मिड डे मील की रसोई भरेगी गरीबों का पेट
जिले के सरकारी स्कूल इन दिनों बंद हैं। इन सरकारी स्कूलों में 2 हजार 425 टन चावल और गेहूं बेकार पड़ा है जो आगामी दिनों में स्कूल बंद रहने पर खराब हो सकता है।
अलवर।
जिले के सरकारी स्कूल इन दिनों बंद हैं। अलवर जिले के इन सरकारी स्कूलों में 2 हजार 425 टन चावल और गेहूं बेकार पड़ा है जो आगामी दिनों में स्कूल बंद रहने पर खराब हो सकता है। इस गेहूं और चावल को सहित खाना बनाने के सामान को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन में गरीब तथा दिहाड़ी मजदूरों तक भोजन पहुंचाने में किया जा सकता है।
हर गांव और ढाणी में चलने वाले सरकारी स्कूलों की रसोई है जिन्हें आगामी दिनों में जरूरत पडऩे पर काम में लिया जा सकता है। अलवर जिले में इस समय सरकारी स्कूलों में 1 लाख 85 हजार 220 किलो गेहूं तथा 5 लाख 70 हजार 47 किलो चावल जमा है। इसके साथ ही इसको बनाने के लिए सभी संसाधन भी स्कूल में हैं।
प्रतिदिन सवा तीन लाख बच्चे करते थे भोजन-
अलवर जिले के सरकारी स्कूलों में 2 हजार 800 सरकारी स्कूलों मेें प्रतिदिन सवा तीन लाख बच्चे मिड डे मील का भोजन खाते हैं और दूध पीते हैं। इन बच्चों में अलवर शहर में 5888, बानसूर में 17941, बहरोड़ 7574, कठूमर 17142, किशनगढ़बास 28432, कोटकासिम 8615, लक्ष्मणगढ़ में 29973, मुंडावर 14561, नीमराणा 7970, राजगढ़ 14788, रामगढ़ 35 185, रैणी 35185, थानााजी 12128, तिजारा 21906 व उमरैण ब्लॉक में 3 430 विद्यार्थी हैं।
जिले में हैवल्स इंडिया के क्यूआरजी फाउंडेशन की ओर से ही प्रतिदिन 50 हजार विद्यार्थियों को मिड डे मील में भोजन खिलाया जाता है जिसकी अत्याधुनिक रसोई एमआईए में है।
आवश्यकता हुई तो लोगों का पेट बुझाएंगी स्कूलों की रसोई-
राज्य सरकार ने सभी जिला कलक्टरों को इस समय मिड डे मील की रसोई व खाद्य पदार्थों को काम में लेने के लिए अधिकृत किया है। यदि आवश्यक हुआ तो आगामी दिनों में इन रसोइयों में लाखों लोगों का पेट भरा जा सकेगा। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक नेकी राम कहते हैं कि हमने हमारे पास मिड -डे- मील में उपलब्ध संसाधनों की सूचना प्रशासन को दे दी है।
लॉकडाउन के दौरान मिड डे मील की रसोई भरेगी गरीबों का पेट
जिले के सरकारी स्कूल इन दिनों बंद हैं। इन सरकारी स्कूलों में 2 हजार 425 टन चावल और गेहूं बेकार पड़ा है जो आगामी दिनों में स्कूल बंद रहने पर खराब हो सकता है।
अलवर।
जिले के सरकारी स्कूल इन दिनों बंद हैं। अलवर जिले के इन सरकारी स्कूलों में 2 हजार 425 टन चावल और गेहूं बेकार पड़ा है जो आगामी दिनों में स्कूल बंद रहने पर खराब हो सकता है। इस गेहूं और चावल को सहित खाना बनाने के सामान को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन में गरीब तथा दिहाड़ी मजदूरों तक भोजन पहुंचाने में किया जा सकता है।
हर गांव और ढाणी में चलने वाले सरकारी स्कूलों की रसोई है जिन्हें आगामी दिनों में जरूरत पडऩे पर काम में लिया जा सकता है। अलवर जिले में इस समय सरकारी स्कूलों में 1 लाख 85 हजार 220 किलो गेहूं तथा 5 लाख 70 हजार 47 किलो चावल जमा है। इसके साथ ही इसको बनाने के लिए सभी संसाधन भी स्कूल में हैं।
प्रतिदिन सवा तीन लाख बच्चे करते थे भोजन-
अलवर जिले के सरकारी स्कूलों में 2 हजार 800 सरकारी स्कूलों मेें प्रतिदिन सवा तीन लाख बच्चे मिड डे मील का भोजन खाते हैं और दूध पीते हैं। इन बच्चों में अलवर शहर में 5888, बानसूर में 17941, बहरोड़ 7574, कठूमर 17142, किशनगढ़बास 28432, कोटकासिम 8615, लक्ष्मणगढ़ में 29973, मुंडावर 14561, नीमराणा 7970, राजगढ़ 14788, रामगढ़ 35 185, रैणी 35185, थानााजी 12128, तिजारा 21906 व उमरैण ब्लॉक में 3 430 विद्यार्थी हैं।
जिले में हैवल्स इंडिया के क्यूआरजी फाउंडेशन की ओर से ही प्रतिदिन 50 हजार विद्यार्थियों को मिड डे मील में भोजन खिलाया जाता है जिसकी अत्याधुनिक रसोई एमआईए में है।
आवश्यकता हुई तो लोगों का पेट बुझाएंगी स्कूलों की रसोई-
राज्य सरकार ने सभी जिला कलक्टरों को इस समय मिड डे मील की रसोई व खाद्य पदार्थों को काम में लेने के लिए अधिकृत किया है। यदि आवश्यक हुआ तो आगामी दिनों में इन रसोइयों में लाखों लोगों का पेट भरा जा सकेगा। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक नेकी राम कहते हैं कि हमने हमारे पास मिड -डे- मील में उपलब्ध संसाधनों की सूचना प्रशासन को दे दी है।

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