Choose the subject after 10th, Learn what to study in science, arts or commerce

दसवीं के बाद ऐसे करें सब्जेक्ट का चुनाव; जानें साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स क्या पढ़ना है ठीक



तमाम स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि 10वीं के बाद वे कौन सा सब्जेक्ट चुनें? किस दिशा में जाएं? 


बोर्ड परीक्षाओं (Board Exams) के 10वीं के रिजल्ट आने वाले हैं. ऐसे में तमाम स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि 10वीं के बाद वे कौन सा सब्जेक्ट चुनें? किस दिशा में जाएं? उनके पास करियर ऑप्शन की एक लंबी लिस्ट होती है, लेकिन इसे चुनने का एक बेहतर तरीका है जिसे अपनाकर आप अपना आगे का करियर तय कर सकते हैं। 



अलग अलग करियर ऑप्शन के बारे में पता लगाएं-

सबसे पहली बात तो यह है कि आप यह पता कर लें कि कौन कौन से करियर ऑप्शन उपलब्ध हैं. उनके ऊपर पूरी तरह से रिसर्च करें. देखें कि आगे किस फील्ड में कैसी संभावनाएं हैं, कितनी कमाई है, कैसे जा सकते हैं. इस मामले में आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी सहारा ले सकते हैं। 


खुद को जानें-

इसके बाद सबसे जरूरी बात है कि आप खुद को जानें कि आपकी रुचि किस दिशा में है, क्योंकि बिना इसके आगे जाने की संभावनाएं कम होती हैं. साथ ही अगर हम अपनी रुचि के विपरीत को फील्ड चुनते हैं तो भी हमें हमारा काम बोझ लगता है जो कि हमेशा तनाव का कारण बनता है. इसके लिए आप साइकोमेट्रिक एसेसमेंट टूल का भी सहारा ले सकते हैं जिससे आप अपने बारे में बेहतर पता लगा सकते हैं। 



सही करियर का चुनाव करें-

जब एक बार आपको सारे करियर ऐस्पेक्ट पता लग गए और अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में पता लग गया तो करियर चुनने में आसानी होगी, जो भी चीज़ें आपको अपने व्यक्तित्व में मज़बूत लगती हों उसके मुताबिक आप अपने करियर का चुनाव कर सकते हैं। 



विषयों का चुनाव-

स्कूल/कॉलेज में विषयों एक खास सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन होता है. ऐसे में अपने करियर ऑप्शन के तहत आप सही विषयों का चुनाव कर सकते हैं. उसी के हिसाब से आप साइंस, आर्ट्स या फिर कॉमर्स का चुनाव कर सकते हैं. हां, इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि आपके करियर के हिसाब से आपको जिस तरह का सब्जेक्ट चुनना है अगर किसी अच्छे स्कूल या बोर्ड में एडमिशन नहीं मिलता है तो किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन ले लें परन्तु अपनी स्ट्रीम को चेंज नहीं करें। 


इसके अलावा सब्जेक्ट का चुनाव करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखिए कि कुछ गलत धारणाओं को फॉलो नहीं करें. जैसे एक मान्यता है कि जो बच्चे पढ़ने में अच्छे होते हैं वे साइंस के सब्जेक्ट चुनते हैं या आर्ट्स के सब्जेक्ट पढ़ने में कमजोर बच्चे लेते हैं।