Sharing information about coronavirus is not a crime, but if the details are misleading, legal action may be taken
कोरोना वायरस को लेकर जानकारी शेयर करना अपराध नहीं, लेकिन डिटेल भ्रामक हुई तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई
क्या वायरल :
एक मैसेज वायरल हो रहा है, इसमें दावा किया गया है कि आज रात से देशभर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू हो रहा है, इसके बाद कोरोनावायरस को लेकर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करना अपराध होगा।
क्या सच :
कोरोनावायरस को लेकर जानकारी शेयर करना अपराध नहीं है, लेकिन यह भ्रामक हुई तो पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
फैक्ट चेक डेस्क. सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है, 'आज रात्रि 12 बजे से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट पूरे देश में लागू होगा। जिससे सरकारी विभाग के अलावा किसी भी नागरिक को कोरोना संबंधित कोई भी जानकारी-अपडेट, सोशल मीडिया में शेयर व पोस्ट करना दंडनीय अपराध है'। जानिए इस दावे की हकीकत।
क्या वायरल
-> वॉट्सऐप, फेसबुक, यूट्यूब से लेकर शेयरचैट तक पर यह मैसेज वायरल किया जा रहा है।
-> ट्विटर पर कई यूजर्स इसे शेयर कर रहे हैं।
-> फेसबुक :
फेसबुक पर इस मैसेज के साथ में एक पुलिस अधिकारी का वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अधिकारी कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि, 'कोई किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसके ग्रुप एडमिन को आवश्यक रूप से आरोपी बनाया जाएगा। ग्रुप एडमिन यह सुनिश्चित कर लें कि कम से कम उनके जो मेंबर हैं, उन पर उनका नियंत्रण होना चाहिए। वरना ऐसे मेम्बर्स को तुरंत बाहर कर दें। यदि कोई भी विषय ऐसा आता है तो उस पर तुरंत प्रकरण दर्ज होगा। इसमें जिसने मैसेज फॉरवर्ड करने के साथ ही ग्रुप एडमिन के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा'।
क्या है सच्चाई
पुलिस अधिकारी की जिस क्लिप को वायरल किया जा रहा है इसमें वो यह कहते हुए कहीं भी सुनाई नहीं दे रहे कि कोरोना संबंधित कोई भी जानकारी-अपडेट, सोशल मीडिया में शेयर व पोस्ट करना दंडनीय अपराध है, जबकि वो कह रहे हैं कि किसी भी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट करने पर ग्रुप एडमिन और मैसेज करने वाले पर कार्यवाही की जाएगी।
पड़ताल में पता चला कि केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियिम को 2005 में ला चुकी है। यह एक्ट पीएम द्वारा 24 मार्च को की गई घोषणा के बाद से ही लागू हो गया था। इसका मकसद सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना है।
कोरोना से संबंधित मैसेज शेयर न करने से संबंधित जानकारी की पुष्टि के लिए हमने भोपाल रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन से बात की। उन्होंने बताया कि सिर्फ कोरोना नहीं, बल्कि किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी वायरल कर यदि भय का माहौल बनाया जाता है या आपसी सौहार्द बिगाड़ा जाता है तो पुलिस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एक्शन ले सकती है। उन्होंने कहा कि बिना पुष्टि के किसी भी जानकारी को वॉट्सऐप या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं किया जाना चाहिए।
पड़ताल के दौरान हमें भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) का ट्वीट भी मिला। इसमें पीआईबी ने स्पष्ट किया है कि कोरोनावायरस से संबंधित किसी भी पोस्ट को शेयर करना दंडनीय अपराध नहीं है। वायरल दावा फेक है, लेकिन कोरोनावायरस पर आधिकारिक और सटीक जानकारी को ही साझा करके आप अपनी और अपने परिजनों की सुरक्षा कर सकते हैं।
कोरोना वायरस को लेकर जानकारी शेयर करना अपराध नहीं, लेकिन डिटेल भ्रामक हुई तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई
क्या वायरल :
एक मैसेज वायरल हो रहा है, इसमें दावा किया गया है कि आज रात से देशभर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू हो रहा है, इसके बाद कोरोनावायरस को लेकर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करना अपराध होगा।
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| Strict action will be taken against those spreading fake news |
क्या सच :
कोरोनावायरस को लेकर जानकारी शेयर करना अपराध नहीं है, लेकिन यह भ्रामक हुई तो पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
फैक्ट चेक डेस्क. सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है, 'आज रात्रि 12 बजे से डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट पूरे देश में लागू होगा। जिससे सरकारी विभाग के अलावा किसी भी नागरिक को कोरोना संबंधित कोई भी जानकारी-अपडेट, सोशल मीडिया में शेयर व पोस्ट करना दंडनीय अपराध है'। जानिए इस दावे की हकीकत।
क्या वायरल
-> वॉट्सऐप, फेसबुक, यूट्यूब से लेकर शेयरचैट तक पर यह मैसेज वायरल किया जा रहा है।
-> ट्विटर पर कई यूजर्स इसे शेयर कर रहे हैं।
-> फेसबुक :
फेसबुक पर इस मैसेज के साथ में एक पुलिस अधिकारी का वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अधिकारी कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि, 'कोई किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसके ग्रुप एडमिन को आवश्यक रूप से आरोपी बनाया जाएगा। ग्रुप एडमिन यह सुनिश्चित कर लें कि कम से कम उनके जो मेंबर हैं, उन पर उनका नियंत्रण होना चाहिए। वरना ऐसे मेम्बर्स को तुरंत बाहर कर दें। यदि कोई भी विषय ऐसा आता है तो उस पर तुरंत प्रकरण दर्ज होगा। इसमें जिसने मैसेज फॉरवर्ड करने के साथ ही ग्रुप एडमिन के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा'।
क्या है सच्चाई
पुलिस अधिकारी की जिस क्लिप को वायरल किया जा रहा है इसमें वो यह कहते हुए कहीं भी सुनाई नहीं दे रहे कि कोरोना संबंधित कोई भी जानकारी-अपडेट, सोशल मीडिया में शेयर व पोस्ट करना दंडनीय अपराध है, जबकि वो कह रहे हैं कि किसी भी तरह की आपत्तिजनक पोस्ट करने पर ग्रुप एडमिन और मैसेज करने वाले पर कार्यवाही की जाएगी।
पड़ताल में पता चला कि केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियिम को 2005 में ला चुकी है। यह एक्ट पीएम द्वारा 24 मार्च को की गई घोषणा के बाद से ही लागू हो गया था। इसका मकसद सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना है।
कोरोना से संबंधित मैसेज शेयर न करने से संबंधित जानकारी की पुष्टि के लिए हमने भोपाल रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन से बात की। उन्होंने बताया कि सिर्फ कोरोना नहीं, बल्कि किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी वायरल कर यदि भय का माहौल बनाया जाता है या आपसी सौहार्द बिगाड़ा जाता है तो पुलिस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एक्शन ले सकती है। उन्होंने कहा कि बिना पुष्टि के किसी भी जानकारी को वॉट्सऐप या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं किया जाना चाहिए।
पड़ताल के दौरान हमें भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) का ट्वीट भी मिला। इसमें पीआईबी ने स्पष्ट किया है कि कोरोनावायरस से संबंधित किसी भी पोस्ट को शेयर करना दंडनीय अपराध नहीं है। वायरल दावा फेक है, लेकिन कोरोनावायरस पर आधिकारिक और सटीक जानकारी को ही साझा करके आप अपनी और अपने परिजनों की सुरक्षा कर सकते हैं।


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