In Rajasthan, the risk of corona infection increases in teachers, issue placed before Chief Minister and Education Minister
राजस्थान में शिक्षकों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के सामने रखा मुद्दा
राजस्थान के शिक्षकों में कोरोना संक्रमण का खतरा गहरा गया है।
सीकर।
राजस्थान के शिक्षकों (Rajasthan School Teachers) में कोरोना संक्रमण (Corona Viurs )का खतरा गहरा गया है। यह वे शिक्षक हैं, जिनकी नियुक्ति इस समय पलायन से रोके गए कामगारों या आइसोलेशन सेंटर (Isolation Center) वाले स्कूल में है। सरकार के निर्देश पर यह स्कूलों में ड्यूटी तो दे रहे हैं, लेकिन इनके पास कोरोना से सुरक्षा के कोई उपाय नहीं है।
बिना मास्क, दस्ताने व अन्य मूलभूत सुविधाओं के यह उन स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। उस पर स्कूलों में ड्यूटी देने के बाद यह सीधे अपने परिवार में भी लौट रहे हैं। ऐसे में परिवार सहित संकट में पड़े शिक्षकों के बचाव के साधन व बीमा सरीखी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग विभिन्न संगठनों की ओर से उठने लगी है।
किट व बीमा की मांग
शिक्षकों के जोखिम को देखते हुए सरकार से अब इन्हें सुरक्षा के साधन मुहैया कराने की मांग भी उठने लगी है। मामले में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Rajasthan Education Minister Govind Singh Dotasara) को ई-मेल के जरिये ज्ञापन भेजा है।
जिसमें संघ ने ऐसे शिक्षकों को कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा किट व बीमा सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। संघ के जिलाध्यक्ष विनोद पूनियां ने बताया कि संक्रमण से बचाव अभियान में शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके लिए न बीमा का प्रावधान किया गया है, और न ही सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जो उनके साथ अन्याय व भेदभाव है। ऐसे में पुलिस व स्वास्थ्यकर्मी की तरह उन्हें भी सुरक्षा किट व बीमा सुविधा मुहैया करवाई जाए।
ट्वीट से रखी मांग
मामले में रेसला ने भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ट्वीट कर यह मांग रखी है। संयोजक मुकेश निठारवाल ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर बने स्कूलों में ड्यूटी दे रहे शिक्षकों को पीपीई किट उपलब्ध कराने के साथ उनकी ड्यूटी रोटेशन में करने, 50 लाख रुपए का बीमा करने व कोरोना संदिग्धों के बीच रह रहे शिक्षकों के सीधे घर जाने की बजाय अन्य सुरक्षित स्थान पर आवास की व्यवस्था की मांग की गई है। जिस पर सरकार को जल्द फैसला लेना चाहिए।
इनका कहना है:-
-> कोरोना के कहर के बीच सरकारी स्कूलों में इस समय सेवाएं दे रहे शिक्षक भी उतने ही जोखिम में है, जितने स्वास्थ्यकर्मी है। ऐसे में सरकार को उन्हें भी स्वास्थ्य किट उपलब्ध कराने के साथ बीमा सुविधा मुहैया करानी चाहिए।
उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।
-> शिक्षकों की सुरक्षा जरुरी है। इसके लिए शिक्षा मंत्री के सामने ट्वीट के जरिये कुछ मांगे रखी है। उम्मीद है जल्द ही सरकार इस दिशा में कदम उठायेगी।
मुकेश निठारवाल, संयोजक, रेसला
राजस्थान में शिक्षकों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के सामने रखा मुद्दा
राजस्थान के शिक्षकों में कोरोना संक्रमण का खतरा गहरा गया है।
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CORONA-VIRUS |
सीकर।
राजस्थान के शिक्षकों (Rajasthan School Teachers) में कोरोना संक्रमण (Corona Viurs )का खतरा गहरा गया है। यह वे शिक्षक हैं, जिनकी नियुक्ति इस समय पलायन से रोके गए कामगारों या आइसोलेशन सेंटर (Isolation Center) वाले स्कूल में है। सरकार के निर्देश पर यह स्कूलों में ड्यूटी तो दे रहे हैं, लेकिन इनके पास कोरोना से सुरक्षा के कोई उपाय नहीं है।
बिना मास्क, दस्ताने व अन्य मूलभूत सुविधाओं के यह उन स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। उस पर स्कूलों में ड्यूटी देने के बाद यह सीधे अपने परिवार में भी लौट रहे हैं। ऐसे में परिवार सहित संकट में पड़े शिक्षकों के बचाव के साधन व बीमा सरीखी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग विभिन्न संगठनों की ओर से उठने लगी है।
किट व बीमा की मांग
शिक्षकों के जोखिम को देखते हुए सरकार से अब इन्हें सुरक्षा के साधन मुहैया कराने की मांग भी उठने लगी है। मामले में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Rajasthan Education Minister Govind Singh Dotasara) को ई-मेल के जरिये ज्ञापन भेजा है।
जिसमें संघ ने ऐसे शिक्षकों को कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा किट व बीमा सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। संघ के जिलाध्यक्ष विनोद पूनियां ने बताया कि संक्रमण से बचाव अभियान में शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनके लिए न बीमा का प्रावधान किया गया है, और न ही सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जो उनके साथ अन्याय व भेदभाव है। ऐसे में पुलिस व स्वास्थ्यकर्मी की तरह उन्हें भी सुरक्षा किट व बीमा सुविधा मुहैया करवाई जाए।
ट्वीट से रखी मांग
मामले में रेसला ने भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ट्वीट कर यह मांग रखी है। संयोजक मुकेश निठारवाल ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर बने स्कूलों में ड्यूटी दे रहे शिक्षकों को पीपीई किट उपलब्ध कराने के साथ उनकी ड्यूटी रोटेशन में करने, 50 लाख रुपए का बीमा करने व कोरोना संदिग्धों के बीच रह रहे शिक्षकों के सीधे घर जाने की बजाय अन्य सुरक्षित स्थान पर आवास की व्यवस्था की मांग की गई है। जिस पर सरकार को जल्द फैसला लेना चाहिए।
इनका कहना है:-
-> कोरोना के कहर के बीच सरकारी स्कूलों में इस समय सेवाएं दे रहे शिक्षक भी उतने ही जोखिम में है, जितने स्वास्थ्यकर्मी है। ऐसे में सरकार को उन्हें भी स्वास्थ्य किट उपलब्ध कराने के साथ बीमा सुविधा मुहैया करानी चाहिए।
उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत।
-> शिक्षकों की सुरक्षा जरुरी है। इसके लिए शिक्षा मंत्री के सामने ट्वीट के जरिये कुछ मांगे रखी है। उम्मीद है जल्द ही सरकार इस दिशा में कदम उठायेगी।
मुकेश निठारवाल, संयोजक, रेसला
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