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ऑनलाइन एजुकेशन / केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने की विद्यादान-2.0 कार्यक्रम की शुरुआत, गुणवत्तापूर्ण ई-लर्निंग मटेरियल कराया जाएगा उपलब्ध

विद्यादान-2.0 कार्यक्रम  शुरुआत # दीक्षा प्लेटफार्म 




ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहल करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने विद्यादान-2.0 कार्यक्रम की शुरुआत की है। 



नई दिल्ली।

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों लॉकडाउन है। लॉकडाउन की स्थिति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय लगातार ऑनलाइन शिक्षा को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है। 
ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहल करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने विद्यादान-2.0 कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसका मकसद विभिन्न ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म पर गुणवत्तापूर्ण डिजिटल पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाना है। इसकी शुरुआत करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा को बिना किसी अवरोध के जारी रखने के लिए विद्यादान-2.0 को शुरू किया गया है।



मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने विद्यादान-2.0 कार्यक्रम की जानकारी ट्वीटर पर दी -







विद्यादान-2.0 क्या है ?

विद्यादान 2.0 एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसके तहत एजुकेशन के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों और संगठनों को सिलेबस के अनुसार ई-लर्निंग मटेरियल विकसित करने और इसमें योगदान देने के लिए जोड़ा जायेगा। अगर कोई शिक्षाविद ई-लर्निंग सामग्री विकसित करने में अपना योगदान देना चाहता है, तो वो इस कार्यक्रम के तहत अपना योगदान दर्ज करवा सकता है।



HRD मिनिस्टर ने बताया कि विद्यादान 2.0 में एक कंटेंट कंट्रीब्यूशन टूल होता है जो किसी भी कक्षा के लिए (कक्षा1 से 12) राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा निर्दिष्ट किसी भी विषय के लिए (जैसे, स्पष्टीकरण वीडियो, प्रस्तुतियाँ, योग्यता आधारित आइटम, क्विज़ आदि) रजिस्टर करने और योगदान करने के लिए योगदानकर्ताओं को एक संरचित इंटरफेस प्रदान करता है।





दीक्षा ऐप के जरिए एक्सेस करेंगे स्टूडेंट्स

विशेषज्ञों द्वारा विद्यादान-2.0 पर आने वाली सामग्री की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद इसे दीक्षा ऐप पर जारी किया जाएगा। दीक्षा ऐप के जरिए ही स्टूडेंट्स इस मटेरियल का एक्सेस कर पाएंगे। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने हिसाब से इस कार्यक्रम की शुरुआत कर सकते हैं। साथ ही इसमें विभिन्न संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षकों को जोड़ सकते हैं। यह लोग इस कार्यक्रम के तहत लर्निंग मटेरियल उपलब्ध करा सकते हैं। सरकार के मुताबिक जल्द ही इस कार्यक्रम का लाभ उच्च शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों को भी पहुंचाया जाएगा। इसमें पाठ्य सामग्री क्षेत्रीय भाषा और अपने-अपने क्षेत्रों के सन्दर्भ में भी उपलब्ध करवा सकते हैं। इस पर उपलब्ध पाठ्य सामग्री सभी शिक्षा विभागों जैसे कि सरकारी विभाग, राज्य एवं केंद्रीय शिक्षा बोर्ड, सरकारी एवं निजी विद्यालय आदि के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।