आठवीं कक्षा के बच्चे ने किया कोरोना अवेयरनेस वीडियो गेम |  मुस्कान कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं |  शिक्षा मंत्री प्रसार भारती से रोजाना 1 घंटे का समय मांगा 



आठवीं क्लास के बच्चे ने बनाया कोरोना अवेयरनेस वीडियो गेम, बच्चे खेल-खेल में होंगे अवेयर



शहर के हरीश मंगल ने कोरोना वायरस को लेकर गेम तैयार किया है। हरिश  का कहना है कि लॉकडाउन में बच्चों में कोविड-19 के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मैंने 'कोरोना गार्ड्स' गेम बनाया है। बच्चे गेम्स से बहुत जल्दी सीखते हैं और इसी सोच को ध्यान में रखकर गेम बनाया। 


जयपुर। 
जयपुर शहर के हरीश मंगल ने कोरोना वायरस ( Coronavirus ) को लेकर गेम तैयार किया है। हरिश  का कहना है कि लॉकडाउन ( Lockdown ) में बच्चों में कोविड-19 के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मैंने 'कोरोना गार्ड्स' गेम बनाया है। बच्चे गेम्स से बहुत जल्दी सीखते हैं और इसी सोच को ध्यान में रखकर गेम बनाया।



सोशल गेदरिंग से नुकसान और मास्क व सैनेटाइजर के बताए फायदे

प्रताप नगर स्थित विद्या आश्रम स्कूल के आठवीं क्लास के स्टूडेंट हरिश  का कहना है कि इस गेम में सोशल गेदरिंग के नुकसान और मास्क व सैनेटाइजर का फायदा बताया है। प्लेयर भीड़भाड़ वाली जगह पर आउट हो जाएगा। वहीं मास्क, सैनिटाइजर जैसे सेफ्टी मेजर्स से आगे बढ़ता रहेगा। आप इस गेम को डाउनलोड कर सकते हैं। इसे एंड्रॉयड फोन और कंप्यूटर पर खेल सकते हैं।





स्माइल कार्यक्रम शुरू, घर बैठे बच्चे कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई


लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसे लेकर स्कूल शिक्षा परिषद ने स्माइल कार्यक्रम शुरू कर दिया। 


बूंदी।
लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसे लेकर स्कूल शिक्षा परिषद ने स्माइल कार्यक्रम शुरू कर दिया। इसके तहत कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को पाठ्य सामग्री संबंधित जानकारी शिक्षकों के बनाए गए सोशल मीडिया गु्रप में मिलेगी, जिससे वह घर बैठे आसानी से अध्ययन करेंगे। 


इसके लिए विभागीय अधिकारी ने सभी पीइइओ एवं शहरी क्षेत्र के 7 नोडल अधिकारियों को अपने क्षेत्र के बच्चों और उनके अभिभावकों के व्हाट्सएप गु्रप बनाकर जोडऩे के निर्देश जारी किए। स्माइल कार्यक्रम में कक्षा 1 से 12वीं तक की पठन-पाठन सामग्री टाइम टेबल सहित यू-ट्यूब लिंक भेजे जाएंगे। पीइइओ एवं नोडल अधिकारी पाठ्य सामग्री को गु्रप में भेजेंगे, जिससे घर बैठे बच्चे कक्षावार अध्ययन कर सके।



वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए समझाया

बूंदी जिले में स्माइल कार्यक्रम के संचालन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जिला अधिकारियों ने जानकारी दी। जिले के 200 पीइइओ एवं नोडल अधिकारियों को इसके बारे में विस्तार से बताया गया। इस दौरान मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) तेजकंवर, सहायक निदेशक सतीश जोशी, सहायक परियोजना अधिकारी ऋषिराज शर्मा, समन्वयक रमेशचंद चोबदार व प्रोग्राम ऑफिसर राजेंद्र भारद्वाज मौजूद रहे।





विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए शिक्षामंत्री ने प्रसार भारती से मांगा रोजाना 1 घंटे का स्लॉट


मंत्री डोटासरा ने कहा प्रदेश के अधिकांश विद्यार्थियों के पास नहीं है नेट की सुविधा, डोटासरा ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखा पत्र। 


जयपुर। 
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इन दिनों देशभर में लॉकडाउन है, ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गई हैं। ऑनलाइन क्लासेस में एक बड़ी परेशानी सामने आ रही है, ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के पास इंटरनेट ही नहीं है। 


शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जन हित में प्रसार भारती के आकाशवाणी और दूरदर्शन चैनल द्वारा शिक्षा विभाग को निःशुल्क प्रसारण का समय आवंटित करने का आग्रह किया है।


केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर मंत्री डोटासरा ने कहा कि लाॅकडाउन में प्रदेश में शिक्षण संस्थान बंद हैं। विद्यार्थियों के पठन-पाठन को प्रभावी रूप में सुनिश्चित करने के लिए प्रसार भारती सार्वजनिक हित में शिक्षा विभाग को निःशुल्क 1 घंटे का स्लाॅट उपलब्ध कराए। राज्य सरकार प्रसार भारती के आकाशवाणी और दूरदर्शन चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों तक अपने शिक्षकों व पाठ्यक्रम की पहुंच सुनिश्चित करना चाहती है, परन्तु प्रसार भारती विभाग को निःशुल्क स्लाॅट उपलब्ध नहीं करा रहा है।


डोटासरा ने अपने पत्र में कहा कि राज्य सरकार विभिन्न नवाचारों को अपनाते हुए विद्यार्थियों को घर बैठे ऑनलाइन लाइव सेशन, सोशल मीडिया के माध्यम से ई-कन्टेट प्रसारण आदि उपलब्ध करा रही है, लेकिन प्रदेश के दूर-दराज के गांवो में आर्थिक रूप से पिछड़े अभिभावकों के पास इन सुविधाओं का अभाव होने से बहुसंख्य विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री से इन परिस्थितियों में जन हित में दूरदर्शन और आकाशवाणी प्रसार माध्यमों में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को निःशुल्क समय आवंटित करने का आग्रह किया है।